उन के जाने से ये दिल में हुई सूरत पैदा
उन के जाने से ये दिल में हुई सूरत पैदा
कि हुआ दर्द और उस में हुई शिद्दत पैदा
इस वफ़ा पर ये जफ़ाएँ तिरी समझे समझे
कि मोहब्बत ही से होती है अदावत पैदा
नर्गिस-ए-शोख़ में तरकीब-ए-हया है पिन्हाँ
निगह-ए-शर्म से है रंग-ए-शरारत पैदा
हम जो दिल-सोज़ न होते तो ये हसरत आती
कि तिरे दिल में भी हो सोज़-ए-मोहब्बत पैदा
कूचा-ए-यार में जाना ही ग़ज़ब था 'रौनक़'
कि हुई ज़ुमरा-ए-आदा में क़यामत पैदा
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