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हम उन को हाल-ए-दिल अपना सुनाए जाते हैं - रौनक़ टोंकवी कविता - Darsaal

हम उन को हाल-ए-दिल अपना सुनाए जाते हैं

हम उन को हाल-ए-दिल अपना सुनाए जाते हैं

वो बैठे सुनते हैं और मुस्कुराए जाते हैं

वो बाद-ए-क़त्ल भी ख़ंजर लगाए जाते हैं

शहीद-ए-नाज़ की शौकत बढ़ाए जाते हैं

ख़मोश महफ़िल-ए-आदा में दूर बैठे हैं

ग़ज़ब है तो भी वो आँखों में खाए जाते हैं

ये इंफ़िआल है किस किस जफ़ा-गरी के एवज़

कि बात बात में वो मुँह छुपाए जाते हैं

समझ है गया मैं कहूँगा न कुछ ख़ुदा की क़सम

शराब आप मुझे क्यूँ पिलाए जाते हैं

ये बज़्म-ए-यार में है क़द्र-ओ-मंज़िलत 'रौनक़'

कि आए कोई वहाँ हम उठाए जाते हैं

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In Hindi By Famous Poet Raunaq Tonkvi. is written by Raunaq Tonkvi. Complete Poem in Hindi by Raunaq Tonkvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.