हम हैं हुशियार क्या इरादा है
निगह-ए-यार क्या इरादा है
कुश्ता-ए-चशम-ए-मस्त है इक ख़ल्क़
ऐ लब-ए-यार क्या इरादा है
नहीं आए वो और नहीं आते
नाला-ए-ज़ार क्या इरादा है
सई-ए-दिलकश ख़याल-ए-जान-ए-पर्वर
तलब-ए-यार क्या इरादा है
मोल लेता है दर्द दे कर दिल
रौनक़-ए-ज़ार क्या इरादा है