Ghazals of Raunaq Tonkvi
नाम | रौनक़ टोंकवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Raunaq Tonkvi |
वस्ल उस से न हो विसाल तो हो
उन से मिलना किसी बहाने से
उन के जाने से ये दिल में हुई सूरत पैदा
रब्त हो ग़ैर से अगर कुछ है
नुस्ख़े में तबीबों ने लिखा और ही कुछ है
न बुतों के न अब ख़ुदा के रहे
न बातें कीं न तस्कीं दी न पहलू में ज़रा ठहरे
क्या देखते हैं आप झिजक कर शराब में
जिस तरह अश्क चश्म-ए-तर से गिरे
हम उन को हाल-ए-दिल अपना सुनाए जाते हैं
हम हैं हुशियार क्या इरादा है
है ज़ेर-ए-ज़मीं साया तो बाला-ए-ज़मीं धूप
दिन को हाँ कह दिया तो रात नहीं
दिल तक हो चाक तेग़ जो सर पर लगाइए
दौड़े वो मेरे क़त्ल को तलवार खींच कर
आलम में न कुछ कसरत-ए-अनवार को देखें