Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_5c3a303c35cfd426bba11d19188eeab9, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
पहुँचे न जो मुराद को वो मुद्दआ हूँ मैं - रतन पंडोरवी कविता - Darsaal

पहुँचे न जो मुराद को वो मुद्दआ हूँ मैं

पहुँचे न जो मुराद को वो मुद्दआ हूँ मैं

नाकामियों की राह में ख़ुद खो गया हूँ मैं

कहते हैं जिस को हुस्न उसी का है नाम इश्क़

देखो मुझे ब-ग़ौर कि शान-ए-ख़ुदा हूँ मैं

पर्दा उठा कि होश की दुनिया बदल गई

हैरान हूँ कि सामने क्या देखता हूँ मैं

पैवंद ख़ाक हो के मिलें सर-बुलंदियाँ

दश्त-ए-जुनूँ में बन के बगूला उड़ा हूँ मैं

वाइज़ के पंद-ओ-व'अज़ का इतना असर तो है

जो कुछ भी आज उस ने कहा पी गया हूँ मैं

समझे मिरी हक़ीक़त-ए-हस्ती कोई 'रतन'

ऐन-ए-फ़ना की शक्ल में ऐन-ए-बक़ा हूँ मैं

(485) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Ratan Pandorwi. is written by Ratan Pandorwi. Complete Poem in Hindi by Ratan Pandorwi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.