मिरी दिन के उजालों पर नज़र है
मिरी दिन के उजालों पर नज़र है
सितारों का करिश्मा रात भर है
वो हँसता है मगर रुख़्सार नम हैं
ये शायद पिछले मौसम का असर है
किसी की ऐब-जूई ही किया कर
अभी के दौर में ये भी हुनर है
यहाँ के सारे मौसम एक से हैं
यही इस शहर की ताज़ा ख़बर है
सिपाही जंग से कब लौटते हैं
वो कोई और है ज़िंदा अगर है
अकेला रात को दिन कर रहा हूँ
मिरी गर्दिश में शामिल हर बशर है
ये जुगनू कल का सूरज देवता है
मगर ये तीरगी पर मुनहसिर है
ख़ुदा तो एक है लेकिन सुना है
ज़माना एक के आगे सिफ़र है
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