चाँद-तारों ने कोई शय तो छुपाई हुई है

चाँद-तारों ने कोई शय तो छुपाई हुई है

वर्ना क्यूँ रात परेशानी में आई हुई है

उस में तब्दीली मिरी आँखों को मंज़ूर नहीं

वो जो तस्वीर मिरे दिल ने बनाई हुई है

मरने देती है न जीने की इजाज़त है मुझे

एक शय ऐसी मेरी जाँ में समाई हुई है

हम बनाते हैं कोई राहगुज़र रोज़ नई

रोज़ दीवार ज़माने ने उठाई हुई है

कोई शिकवा ही नहीं और किसी से मुझ को

ये मिरी जाँ तो 'सबा' ख़ुद की सताई हुई है

(1871) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Chand-taron Ne Koi Shai To Chhupai Hui Hai In Hindi By Famous Poet Rashmi Saba. Chand-taron Ne Koi Shai To Chhupai Hui Hai is written by Rashmi Saba. Complete Poem Chand-taron Ne Koi Shai To Chhupai Hui Hai in Hindi by Rashmi Saba. Download free Chand-taron Ne Koi Shai To Chhupai Hui Hai Poem for Youth in PDF. Chand-taron Ne Koi Shai To Chhupai Hui Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Chand-taron Ne Koi Shai To Chhupai Hui Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.