Ghazals of Rashid Taraz
नाम | राशिद तराज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Rashid Taraz |
जन्म की तारीख | 1958 |
जन्म स्थान | Munger |
ज़िंदगी थी ये तमाशा तो नहीं था पहले
ये उम्र गुज़री है इतने सितम उठाने में
यक़ीं से फूटती है या गुमाँ से आती है
रौशनी बन के अँधेरे पे असर हम ने किया
रात आख़िर हो सितम-पेशों पे ऐसा भी नहीं
मिली है कैसे गुनाहों की ये सज़ा मुझ को
लोग पत्थर के थे फ़रियाद कहाँ तक करते
किस की आँखों की हिदायत से मुझे देखता है
किन सराबों का मुक़द्दर हुईं आँखें मेरी
ख़ेमा-ज़न कौन है आख़िर ये कनार-ए-दिल पर
कभी यूँ भी करो शहर-ए-गुमाँ तक ले चलो मुझ को
अपने होने का कोई साज़ नहीं देती है
अपने बीमार सितारे का मुदावा होती