Ghazals of Rashid Shahjahanpuri
नाम | रशीद शाहजहाँपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Rashid Shahjahanpuri |
ज़िक्र-ए-तूफ़ाँ भी अबस है मुतमइन है दिल मिरा
शम्अ' में सोज़ की वो ख़ू है न परवाने में
साक़ी-ए-रंगीं-अदा था बादा-ए-गुलफ़ाम था
साक़ी-ए-रंगीं-अदा था बादा-ए-गुलफ़ाम था
जिस को देखो एहतिसाब-ए-ज़ीस्त से ग़ाफ़िल है आज
ब-क़द्र-ए-हसरत-ए-दिल ज़ुल्म भी ढाना नहीं आता
ब-क़द्र-ए-हसरत-ए-दिल ज़ुल्म भी ढाना नहीं आता
आशियाने की बात करते हो
आँखों आँखों में मोहब्बत का पयाम आ ही गया