जिसे उड़ान के बदले थकान देता है

जिसे उड़ान के बदले थकान देता है

ख़ुदा उसे भी तो ऊँची उड़ान देता है

उसी के हिस्से में आती है मंज़िल-ए-मक़्सूद

जो हर क़दम पे यहाँ इम्तिहान देता है

अजीब बात है उस पे सितम कि बारिश है

जो चाहता है तुम्हें तुम पे जान देता है

दहक रही है यही आग मेरे सीने में

क़सम वो खा के भी झूटा बयान देता है

मज़ार-ए-हुस्न से आती है ये सदा 'राही'

वफ़ा पे देखिए अब कौन जान देता है

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In Hindi By Famous Poet Rashid Rahi. is written by Rashid Rahi. Complete Poem in Hindi by Rashid Rahi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.