Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_a85084b7de79d9046f7fdb6cdbc32118, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कोई रस्ता कोई रहरव कोई अपना नहीं मिलता - राशिद क़य्यूम अनसर कविता - Darsaal

कोई रस्ता कोई रहरव कोई अपना नहीं मिलता

कोई रस्ता कोई रहरव कोई अपना नहीं मिलता

मोहब्बत के मुसाफ़िर को कहीं साया नहीं मिलता

मिरी आँखों से अश्कों के बजाए रेत गिरती है

मगर अंदर कहीं भी रेत का दरिया नहीं मिलता

बड़ी सादा-दिली से एक दिन बच्चे ने ये पूछा

कोई भी शख़्स इस दुनिया में क्यूँ हँसता नहीं मिलता

हमें हर पल तुम्हारी ही कमी महसूस होती है

तुम्हारी याद से ग़ाफ़िल कोई लम्हा नहीं मिलता

ख़यालों में कई किरदार मुझ से रोज़ मिलते हैं

हक़ीक़त में मगर ऐसा कोई चेहरा नहीं मिलता

अजब जल्वा-नुमाई है जिधर देखूँ तुम्ही तुम हो

मुझे तो आइने में अक्स भी मेरा नहीं मिलता

मैं मिट्टी से बने मुर्दा बदन को ले के फिरता हूँ

मगर इस शहर में 'अन्सर दम-ए-ईसा नहीं मिलता

(831) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Rashid Qayyum Ansar. is written by Rashid Qayyum Ansar. Complete Poem in Hindi by Rashid Qayyum Ansar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.