इक सितारा जो आसमान में है
इक सितारा जो आसमान में है
तेरी सोचों के दरमियान में है
माँ के क़दमों में जो सुकूँ है मियाँ
वो ज़मीं पर न आसमान में है
लफ़्ज़ कड़वे हैं तेरे लहजे के
ज़हर कितना तिरी ज़बान में है
मेरा किरदार वो नहीं लेकिन
ज़िक्र मेरा भी दास्तान में है
तू अज़ल से मिरी मोहब्बत है
तो अबद तक मिरे धियान में है
देख पत्थर से अब भी रिसता है
जाने किस का लहू चटान में है
तेरे जाने के बा'द से अब तक
इक उदासी मिरे मकान में है
और भी हैं बहुत हसीं 'अन्सर
दिल-ए-ख़ुश-फ़हम किस गुमान में है
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