राशिद मुफ़्ती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का राशिद मुफ़्ती
नाम | राशिद मुफ़्ती |
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अंग्रेज़ी नाम | Rashid Mufti |
जन्म की तारीख | 1945 |
वो जो ख़ुद अपने बदन को साएबाँ करता नहीं
तेरे हाथों जो सर-अफ़राज़ हुए
शहर-ए-ग़फ़लत के मकीं वैसे तो कब जागते हैं
महफ़िल में तो बस वो सज रहा है
लूटा जाने वालों ने
लोग कि जिन को था बहुत ज़ोम-ए-वजूद शहर में
लाख मुझे दोश पे सर चाहिए
कुछ यूँ भी मुझे रास हैं तन्हाइयाँ अपनी
किसी की जीत का सदमा किसी की मात का बोझ
किस शय का सुराग़ दे रहा हूँ
जो क़र्ज़ मुझ पे है वो बोझ उतारता जाऊँ
हवा के लम्स से भड़का भी हूँ मैं
हाथ से छू कर ये नीला आसमाँ भी देखते
ग़नीमत है हँस कर अगर बात की
फ़र्क़ कोई नहीं मगर है भी!
दुनिया में है यूँ तो कौन बे-ग़म
दिल जिस से काँपता है वो साअत भी आएगी
भले ही मिरा हौसला पस्त होता
और ज़रा कज मिरी कुलाह तो होती
अब क्या गिला कि रूह को खिलने नहीं दिया