Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4da3d3228e0aba95626cba32030df2c6, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नज़र से दूर रहे मुझ को आज़माए भी - राशिद अनवर राशिद कविता - Darsaal

नज़र से दूर रहे मुझ को आज़माए भी

नज़र से दूर रहे मुझ को आज़माए भी

अगर वो वक़्त नहीं है तो लौट आए भी

है आबशार तो एहसास को करे सैराब

वो प्यास है तो मिरी तिश्नगी बढ़ाए भी

वो मौज है तो मुझे ग़र्क़ भी ज़रूर करे

है नाख़ुदा तो भँवर से निकाल लाए भी

वो ख़्वाब है तो करे बस क़याम आँखों में

अगर है ख़ौफ़ तो नींदें मिरी उड़ाए भी

वो मसअला है तो मेरी जबीं पे रौशन हो

वो कोई हल है तो दिल को क़रार आए भी

नज़र-शनास न हो तो मुझे भी तड़पाए

वो दिल-नवाज़ अगर है तो मान जाए भी

अगर वो और कोई है तो कोई बात नहीं

है ज़िंदगी तो अंधेरों में गुनगुनाए भी

(603) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Rashid Anwar Rashid. is written by Rashid Anwar Rashid. Complete Poem in Hindi by Rashid Anwar Rashid. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.