हिरास है ये अज़ल का कि ज़िंदगी क्या है

हिरास है ये अज़ल का कि ज़िंदगी क्या है

ख़ुदा नहीं है तो लोगो उमीद भी क्या है

किसी का रस कोई परवाज़-ए-रंग की मंज़िल

अज़ार-ए-लाला-ए-सहरा की ताज़गी क्या है

जो है वो कुछ भी नहीं जो नहीं वो सब कुछ है

मिरे ख़ुदा ये तमन्ना की साहिरी क्या है

तमाम हुस्न-ए-जहाँ ना-तमाम है कि नहीं

ये अप्सरा का तसव्वुर ये जल-परी क्या है

सब अपनी सम्त इशारा करें अगर पूछो

कि हक़ किधर है ज़माने में रास्ती क्या है

दिलों ने उम्र भर आवाज़ दी है सीनों से

किसी ने झूटों भी पूछा नहीं कभी क्या है

ये घेर घेर के क्यूँ हाल-ए-दिल सुनाते हो

यहाँ किसी को किसी की मियाँ पड़ी क्या है

बताओ कौन से दानिश-कदे में पढ़ने जाएँ

कहाँ निसाब में ये है कि आदमी क्या है

कभी कभी की तुर्श-रूई-ए-जमाल की आन

ये अंग्बीं में भी थोड़ी सी चाशनी क्या है

दिया तो ख़ुद मिरी हम-ख़्वाब ने बुझाया था

तो फिर ये सेज पे तारों की छाँव सी क्या है

तिरे उचटते इशारे पे वार दूँ जानाँ

हज़ार ज़िंदगियाँ एक ज़िंदगी क्या है

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In Hindi By Famous Poet Rasheed Kausar Farooqi. is written by Rasheed Kausar Farooqi. Complete Poem in Hindi by Rasheed Kausar Farooqi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.