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शजर सूखा तो फ़ौरन कट गया है - रशीद जावेद कविता - Darsaal

शजर सूखा तो फ़ौरन कट गया है

शजर सूखा तो फ़ौरन कट गया है

कई हिस्सों में मंज़र बट गया है

यक़ीनन फ़ैसला कुछ और होता

सितारा ही नज़र से हट गया है

वही तारीक मंज़र हैं घरों के

कहा किस ने? अंधेरा छट गया है

किसे अब ढूँडते फिरते हो लोगो?

वफ़ा का मरहला तो कट गया है

सुनी जब उस ने प्यासों की कहानी

समुंदर का कलेजा फट गया है

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In Hindi By Famous Poet Rasheed Javed. is written by Rasheed Javed. Complete Poem in Hindi by Rasheed Javed. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.