रसा रामपुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रसा रामपुरी
नाम | रसा रामपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Rasa Rampuri |
वो ख़ुश किसी के साथ हैं ना-ख़ुश किसी के साथ
बड़ी ही धूम से दावत हो फिर तो ज़ाहिद की
बअ'द-ए-फ़ना भी ख़ैर से तन्हा नहीं हैं हम
आए अगर क़यामत तो धज्जियाँ उड़ा दें
वो ख़ुश किसी के साथ हैं ना-ख़ुश किसी के साथ
उन की ख़ल्वत में 'रसा' भी होगा
साक़ी जो दिए जाए ये कह कर कि पिए जा
साक़ी जो दिए जाए ये कह कर कि पिए जा
'रसा' को दिल में रखते हैं 'रसा' के जानने वाले
रास आया है मुझे वहशत में मर जाना मिरा
पी के कर लेता हूँ तौबा जब से ये दस्तूर है
नीची नज़रों से न देखो सर-ए-महशर देखो
कौन सा इश्क़-ए-बुताँ में हमें सदमा न हुआ
जी चाहा जिधर छोड़ दिया तीर अदा को
दुश्मन की बात जब तिरी महफ़िल में रह गई
दिल में किसी को रक्खो दिल में रहो किसी के
आशिक़ को तेरे लाख कोई रहनुमा मिले
आने को नज़र में मिरी सौ फ़ित्ना-गर आए
आईना ख़ुद-नुमाई उन को सिखा रहा है