पास अपने इक जान है साईं
बाक़ी ये दीवान है साईं
जिस का कोई मोल न गाहक
कैसी ये दूकान है साईं
आँसू और पलक तक आए
आँसू अग्नी-बान है साईं
जोगी से और जग की बातें
जोगी का अपमान है साईं
मैं झूटा तो दुनिया झूटी
मेरा ये ईमान है साईं
जैसा हूँ जिस हाल में हूँ मैं
अल्लाह का एहसान है साईं