बारिश नहीं लाती कभी अफ़्लाक से ख़ुशबू

बारिश नहीं लाती कभी अफ़्लाक से ख़ुशबू

ख़ुद झूम के उठती है इसी ख़ाक से ख़ुशबू

इस बाग़-ए-तिलिस्मात के फूलों का तो क्या ज़िक्र

आती है वहाँ के ख़स-ओ-ख़ाशाक से ख़ुशबू

सो मंज़र-ए-ख़ूँ-रंग थे कोंपल से कली तक

फूटी नहीं यूँही गुल-ए-सद-चाक से ख़ुशबू

एहसास को छू जाए तो छू जाए वगर्ना

रहती है गुरेज़ाँ हद-ए-इदराक से ख़ुशबू

महसूस तो होती है अगर कोई करे तो

अज्दाद की अज्दाद की इम्लाक से ख़ुशबू

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In Hindi By Famous Poet Raoof Ameer. is written by Raoof Ameer. Complete Poem in Hindi by Raoof Ameer. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.