रोता हमें जो देखा दिल उस का पिघल गया

रोता हमें जो देखा दिल उस का पिघल गया

जादू-ए-चश्म उस बुत-ए-पुर-फ़न पे चल गया

आते ही उल्टे पाँव जो पैक-ए-अजल गया

बे-यार मुझ को देख के क्या वो भी टल गया

ये किस का ध्यान आ के मिरा दिल मसल गया

बे-साख़्ता जो नाला दहन से निकल गया

शादी-ए-वस्ल से ग़म-ए-हिज्राँ बदल गया

फ़स्ल-ए-बहार आई ख़िज़ाँ का अमल गया

आया भी गर कभी दिल-ए-आवारा राह पर

देखा जब उस को देखते ही फिर मचल गया

क्यूँ सर-ब-ख़ाक है ये मिरा नौनिहाल दिल

कौन आ के पा-ए-नाज़ से इस को कुचल गया

रातें रहीं वो रातें न दिन ही रहे वो दिन

तुम क्या बदल गए कि ज़माना बदल गया

अब इस से क्या उम्मीद कि ये लाएगा समर

नख़्ल-ए-मुराद आतिश-ए-हिज्राँ से जल गया

कहना वो उन का हाए शब-ए-वस्ल नाज़ से

अरमान अब तो आप के दिल का निकल गया

मुँह से तो बोलने में निकलते न थे शरर

क्यूँ दिल मिरा रक़ीब की बातों से जल गया

रिंदों ने मय-कदे में उछल कूद की तो क्या

अम्मामा भी तो शैख़ के सर से उछल गया

याद आ गया वो बुत मुझे हूरों के ज़िक्र से

वाइज़ के वाज़ से भी मिरा काम चल गया

देखे जो चिकने उस बुत-ए-तौबा-शिकन के गाल

पा-ए-सबात-ए-शैख़ भी आख़िर फिसल गया

है नज़अ में भी गेसू-ए-पुर-ख़म की दिल में याद

गो रस्सी जल गई मगर उस का न बल गया

बोले फ़ुज़ूल मुझ से है उम्मीद दाद की

'रंजूर' जब मैं उन को सुनाने ग़ज़ल गया

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In Hindi By Famous Poet Ranjoor Azimabadi. is written by Ranjoor Azimabadi. Complete Poem in Hindi by Ranjoor Azimabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.