Ghazals of Rangin Saadat Yaar Khan
नाम | रंगीन सआदत यार ख़ाँ |
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अंग्रेज़ी नाम | Rangin Saadat Yaar Khan |
जन्म की तारीख | 1756 |
मौत की तिथि | 1835 |
जन्म स्थान | Lucknow |
उस के कूचे में बहुत रहते हैं दीवाने पड़े
तुझ को आती है दिलासे की नहीं बात कोई
ता हश्र रहे ये दाग़ दिल का
फिर बहार आई मिरे सय्याद को पर्वा नहीं
मेरी ईज़ा में ख़ुशी जब आप की पाते हैं लोग
इश्क़ से बच के किधर जाएँगे हम
हम जूँ चकोर ग़श हैं अजी एक यार पर
हमदमो क्या मुझ को तुम उन से मिला सकते नहीं
ग़ैर की ख़ातिर से तुम यारों को धमकाने लगे
गर्म इन रोज़ों में कुछ इश्क़ का बाज़ार नहीं
चाह कर हम उस परी-रू को जो दीवाने हुए