राणा गन्नौरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का राणा गन्नौरी
नाम | राणा गन्नौरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Rana Gannauri |
ज़िंदगी का भी किया भरोसा है
तुम्हें ऐ काश कोई राज़ ये समझा गया होता
तुम्हारी राह में आँखें बिछाए बैठा हूँ
रखो तुम बंद बे-शक अपनी घड़ियाँ
रखना हमेशा याद ये मेरा कहा हुआ
रहे ख़याल हिक़ारत से देखने वालो
मसअले हल करते करते आदमी का ज़ेहन भी
ख़ुशी हम से किनारा कर रही है
ख़ुद तराशना पत्थर और ख़ुदा बना लेना
हम ने दुनिया से सुलूक ऐसा किया है 'राना'
हर शख़्स यहाँ साहिब-ए-इदराक नहीं है
हर इक की है पसंद अपनी हर इक का है मिज़ाज अपना
हमारा दिल तो ग़म में भी ख़ुशी महसूस करता है
ऐ ख़ुदा मैं सुन रहा हूँ आहटें उस वक़्त की
अब मुझे थोड़ी सी ग़फ़लत से भी डर लगता है
आज बार-ए-गोश है मेरी सदा उस को मगर
सब की आँखें तो खुली हैं देखता कोई नहीं
मेरे ख़त का जवाब आया था
भला कह दिया या बुरा कह दिया