मैं जानता हूँ मोहब्बत में क्या नहीं करना
ये वो जगह है जहाँ क़ैस भी फिसलता है
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Gulzar
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Habib Jalib
Javed Akhtar
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(503) Peoples Rate This
ख़ुदा का शुक्र कि आहट से ख़्वाब टूट गया
मैं हाव-हू पे कहानी को ख़त्म कर दूँगा
मानूस रौशनी हुई मेरे मकान से
कार-ए-जुनूँ की हालतें, कार-ए-ख़ुदा ख़याल कर
बर्फ़ पिघली तो रास्ता निकला
अगर ये चेहरा यूँही गर्द से अटा रहेगा
ऐसी प्यारी शाम में जी बहलाने को
तुझ आँख से झलकता था एहसास-ए-ज़िंदगी
मैं उस की नज़रों का कुछ इस लिए भी हूँ क़ाइल
अपना आप पड़ा रह जाता है बस इक अंदाज़े पर
गले लगा के मुझे पूछ मसअला क्या है