Coupletss of Rana Amir Liyaqat
नाम | राना आमिर लियाक़त |
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अंग्रेज़ी नाम | Rana Amir Liyaqat |
ज़िंदगी देख तिरी ख़ास रिआयत होगी
वस्ल नुक़सान कर गया मेरा
उसे पता है कहाँ हाथ थामना है मिरा
तुझ से कहना था हाल-ए-दिल लेकिन
तुझ आँख से झलकता था एहसास-ए-ज़िंदगी
क़ीमती शय थी तिरा हिज्र उठाए रक्खा
नुक्ता यही अज़ल से पढ़ाया गया हमें
मोहब्बतों के लिए उम्र कम है सो वो शख़्स
मानूस रौशनी हुई मेरे मकान से
मैं उस की नज़रों का कुछ इस लिए भी हूँ क़ाइल
मैं जानता हूँ मोहब्बत में क्या नहीं करना
मैं हाव-हू पे कहानी को ख़त्म कर दूँगा
ख़ुदा का शुक्र कि आहट से ख़्वाब टूट गया
कई तरह के तहाइफ़ पसंद हैं उस को
इस दौर-ए-ना-मुराद से ये तजरबा हुआ
ईंट से ईंट जोड़ कर, ख़्वाब बना रहा हूँ मैं
हज़ार रस्ते तिरे हिज्र के इलाज के हैं
हर साँस नई साँस है हर दिन है मिरा दिन
गले लगा के मुझे पूछ मसअला क्या है
दिल क़नाअत ज़रा सी करता तो
दिल इक ऐसा कासा है जिस की गहराई मत पूछो
अपना आप पड़ा रह जाता है बस इक अंदाज़े पर
ऐसी प्यारी शाम में जी बहलाने को
अगरचे रोज़ मिरा सब्र आज़माता है
आओ आँखें मिला के देखते हैं
आधे घर में मैं होता हूँ आधे घर में तन्हाई