सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज़ दुआ से

सुनते हैं कि मिल जाती है हर चीज़ दुआ से

इक रोज़ तुम्हें माँग के देखेंगे ख़ुदा से

जब कुछ न मिला हाथ दुआओं को उठा कर

फिर हाथ उठाने ही पड़े हम को दुआ से

दुनिया भी मिली है ग़म-ए-दुनिया भी मिला है

वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था ख़ुदा से

तुम सामने बैठे हो तो है कैफ़ की बारिश

वो दिन भी थे जब आग बरसती थी घटा से

ऐ दिल तू उन्हें देख के कुछ ऐसे तड़पना

आ जाए हँसी उन को जो बैठे हैं ख़फ़ा से

आईने में वो अपनी अदा देख रहे हैं

मर जाए कि जी जाए कोई उन की बला से

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In Hindi By Famous Poet Rana Akbarabadi. is written by Rana Akbarabadi. Complete Poem in Hindi by Rana Akbarabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.