मेरे तसव्वुरात में अब कोई दूसरा नहीं

मेरे तसव्वुरात में अब कोई दूसरा नहीं

आप को जानता हूँ मैं ग़ैर से वास्ता नहीं

देख तू ऐ निगाह-ए-दोस्त क्या तुझे दिल दिया नहीं

कौन है मुझ से आश्ना तू अगर आश्ना नहीं

दिल को सुकून कर अता जान को बख़्श दे क़रार

तेरे करम की देर है दर्द ये ला-दवा नहीं

जिस से न हो मिरा गुज़र रह नहीं तिरी रहगुज़र

जिस पे न मेरा सर झुके वो तिरा नक़्श-ए-पा नहीं

चश्म-ए-करम का शुक्रिया पुर्सिश-ए-ग़म से फ़ाएदा

क्या मिरी बेबसी का हाल आप पर आईना नहीं

एक हसीन अहद की याद दिला के रह गई

उन की नज़र ने दिल से आज और तो कुछ कहा नहीं

क्यूँ न करम के वास्ते आप से इल्तिजा करूँ

आप बताएँ क्या मुझे आप का आसरा नहीं

दिल में है अक्स आप का लब पे है नाम आप का

आप का 'मुज़्तर'-ए-हज़ीं आप को भूलता नहीं

(638) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Ram Krishn Muztar. is written by Ram Krishn Muztar. Complete Poem in Hindi by Ram Krishn Muztar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.