मुझे मिली है अगर इन्फ़िरादियत की सनद
मुझे मिली है अगर इन्फ़िरादियत की सनद
बचा के लाया हूँ अपनी सलाहियत की सनद
भुला दिए हैं अलिफ़-लैलवी सभी क़िस्से
ग़ज़ल ने जब से मुझे दी जदीदियत की सनद
परेशाँ-हाल है हर शख़्स इस ज़माने में
मिली है किस को यहाँ ख़ैर-ओ-आफ़ियत की सनद
था अपने शहर में मुद्दत से अजनबी की तरह
जनाब मुझ को मिली आज शहरियत की सनद
तुम एक अहल-ए-सुख़न हो अदब के तारे हो
तुम अपने अहद से लो अपनी अहमियत की सनद
ख़ुदा का शुक्र है ए 'राम' इस ज़माने में
मैं ज़िंदा हूँ है यही मेरी ख़ैरियत की सनद
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