मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
अब आप की ख़ुशी इसे काँटों में तौलिए
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इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ
उन को ये शिकायत है कि हम कुछ नहीं कहते
न झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे
यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए
ये नाज़ुक लब हैं या आपस में दो लिपटी हुई कलियाँ
न चारागर की ज़रूरत न कुछ दवा की है
कहीं से मौत को लाओ कि ग़म की रात कटे
किसे मालूम था इक दिन मोहब्बत बे-ज़बाँ होगी
इक मोहब्बत के सिवा और न कुछ माँगा था
हमें वास्ता तड़प से हमें काम आँसुओं से
किसी की याद में दुनिया को हैं भुलाए हुए