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तुम्हारी याद - राजेन्द्र नाथ रहबर कविता - Darsaal

तुम्हारी याद

रात के सुरमई अँधेरों में

साँस लेते हुए सवेरों में

आबजू के हसीं किनारों पर

ख़्वाब-आलूद रहगुज़ारों पर

गुल्सितानों की सैर गाहों में

ज़िंदगी की हसीन राहों में

मय-ए-रंगीं का जाम उठाते वक़्त

रंज-ओ-ग़म की हँसी उड़ाते वक़्त

शादमानी में ग़म के तूफ़ाँ में

रौनक़-ए-शहर में बयाबाँ में

रक़्स करती हुई बहारों में

ख़ून-आशाम ख़ार-ज़ारों में

दोपहर हो कि नूर का तड़का

फ़स्ल-ए-गुल हो कि दौर पतझड़ का

सुब्ह के वक़्त शाम के हंगाम

बे-क़ुयूद-ए-मक़ाम बे-हंगाम

दामन-ए-दिल को थाम लेती है

कितनी गुस्ताख़ है तुम्हारी याद

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In Hindi By Famous Poet Rajendra Nath Rahbar. is written by Rajendra Nath Rahbar. Complete Poem in Hindi by Rajendra Nath Rahbar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.