Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_q51enrl7a7v3kldti1v0jp6g35, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
शामिल तू मिरे जिस्म मैं साँसों की तरह है - रईस सिद्दीक़ी कविता - Darsaal

शामिल तू मिरे जिस्म मैं साँसों की तरह है

शामिल तू मिरे जिस्म मैं साँसों की तरह है

ये याद भी सूखे हुए फूलों की तरह है

दिल जिस का नहीं हर्फ़-ए-मोहब्बत से शनासा

वो ज़िंदगी वीरान मज़ारों की तरह है

फ़ितरत में है दौलत के खिलौनों से बहलना

इक दोस्त मिरा शहर में बच्चों की तरह है

हर रात चराग़ाँ सा रहा करता है घर में

इक ज़ख़्म मिरे दिल में सितारों की तरह है

मत खोलियो मुझ पर कभी एहसाँ के दरीचे

ग़ैरत मुझे प्यारी तिरी यादों की तरह है

पत्थर सदा ज़िल्लत के तआक़ुब में रहेंगे

कोताही-ए-गुफ़्तार गुनाहों की तरह है

(604) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Rais Siddiqui. is written by Rais Siddiqui. Complete Poem in Hindi by Rais Siddiqui. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.