खोने की बात और न पाने की बात है
खोने की बात और न पाने की बात है
बस ज़िंदगी का साथ निभाने की बात है
नफ़रत की आँधियों से न हल होगा मसअला
जो आग लग चुकी है बुझाने की बात है
उस का हक़ीक़तों से नहीं कोई वास्ता
सच बात अब तो सिर्फ़ फ़साने की बात
तुम मुस्कुरा भी सकते नहीं क्या मिरे लिए
ये तो किसी के काम न आने की बात है
हम ने ख़याल में भी न रक्खी कभी 'रईस'
वो बात जो किसी को सताने की बात है
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