Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b4812780caed923f1bdab9e69bbdcb55, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सियाह है दिल-ए-गीती सियाह-तर हो जाए - रईस अमरोहवी कविता - Darsaal

सियाह है दिल-ए-गीती सियाह-तर हो जाए

सियाह है दिल-ए-गीती सियाह-तर हो जाए

ख़ुदा करे कि हर इक शाम बे-सहर हो जाए

कुछ इस अदा से चले बाद-ए-बर्ग-रेज़ ख़िज़ाँ

कि दूर तक सफ़-ए-अशजार बे-समर हो जाए

बजाए रंग रग-ए-ग़ुंचा से लहू टपके

खिले जो फूल तो हर बर्ग-ए-गुल शरर हो जाए

पड़े जो हाथ चमन में ब-क़स्द-ए-गुल-चीनी

मिसाल-ए-पंजा-ए-क़स्साब ख़ूँ में तर हो जाए

फ़रोग़-ए-महर से हो इख़्तिलाज-ए-क़ल्ब-ए-फ़ुज़ूँ

बहाना-ए-ख़फ़क़ाँ जल्वा-ए-क़मर हो जाए

ज़माना पी तो रहा है शराब दानिश को

अजब नहीं कि यही ज़हर कारगर हो जाए

कोई क़दम न उठे सू-ए-मंज़िल-ए-मक़्सूद

दुआ ये कर कि हर इक राह पुर-ख़तर हो जाए

(658) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Rais Amrohvi. is written by Rais Amrohvi. Complete Poem in Hindi by Rais Amrohvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.