रईस अमरोहवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रईस अमरोहवी
नाम | रईस अमरोहवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Rais Amrohvi |
जन्म की तारीख | 1914 |
मौत की तिथि | 1988 |
जन्म स्थान | Karachi |
मीज़ान हाथ में है ज़ियाँ की न सूद की
कामयाबी का है 'रईस' इम्काँ
जो अपने क़ौल को क़ानून समझें
हम लोग हैं वाक़ई अजूबा
टहनी पे ख़मोश इक परिंदा
सिर्फ़ तारीख़ की रफ़्तार बदल जाएगी
सदियों तक एहतिमाम-ए-शब-ए-हिज्र में रहे
पहले ये शुक्र कि हम हद्द-ए-अदब से न बढ़े
पहले भी ख़राब थी ये दुनिया
किस ने देखे हैं तिरी रूह के रिसते हुए ज़ख़्म
ख़ामोश ज़िंदगी जो बसर कर रहे हैं हम
हम अपनी ज़िंदगी तो बसर कर चुके 'रईस'
हम अपने हाल-ए-परेशाँ पे बारहा रोए
दिल से मत सरसरी गुज़र कि 'रईस'
दिल कई रोज़ से धड़कता है
चंद बेनाम-ओ-निशाँ क़ब्रों का
अपने को तलाश कर रहा हूँ
अभी से शिकवा-ए-पस्त-ओ-बुलंद हम-सफ़रो
अब दिल की ये शक्ल हो गई है
आदमी की तलाश में है ख़ुदा
उर्दू का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले
ज़मीं पर रौशनी ही रौशनी है
ये शहर शहर-ए-बला भी है कीना-साज़ के साथ
ये कर्बला है नज़्र-ए-बला हम हुए कि तुम
ये फ़क़त शोरिश-ए-हवा तो नहीं
तुम ऐ रईस! अब न अगर और मगर करो
तिरा ख़याल कि ख़्वाबों में जिन से है ख़ुशबू
सुब्ह-ए-नौ हम तो तिरे साथ नुमायाँ होंगे
सियाह है दिल-ए-गीती सियाह-तर हो जाए
सियाह है दिल-ए-गीती सियाह-तर हो जाए