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ख़ूब नासेह की नसीहत का नतीजा निकला - रहमत क़रनी कविता - Darsaal

ख़ूब नासेह की नसीहत का नतीजा निकला

ख़ूब नासेह की नसीहत का नतीजा निकला

हम ने अश्कों को सँभाला तो कलेजा निकला

तेरे रिंदों को जलाती रही सहराओं की धूप

कितना बे-फ़ैज़ तिरी ज़ुल्फ़ों का साया निकला

ईद का चाँद जो देखा तो तमन्ना लिपटी

उन से तक़रीब-ए-मुलाक़ात का रिश्ता निकला

हैफ़ कि फूल हैं मुहताज-ए-नसीम-ओ-शबनम

मर्हबा चीर के पत्थर को जो सब्ज़ा निकला

आहट आहट पे गुमाँ गुज़रे है वो आ पहुँचे

दिल-ए-नादाँ के बहलने का तरीक़ा निकला

दामन-ए-दोस्त ने बोसों से नवाज़ा 'रहमत'

मुझ से बेहतर मिरे अश्कों का नसीबा निकला

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In Hindi By Famous Poet Rahmat Qarni. is written by Rahmat Qarni. Complete Poem in Hindi by Rahmat Qarni. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.