ज़िंदगी ढूँढ ले तू भी किसी दीवाने को
उस के गेसू तो मिरे प्यार ने सुलझाए हैं
Habib Jalib
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Gulzar
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Wasi Shah
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चाँद और चकोर
लोग यक-रंगी-ए-वहशत से भी उकताए हैं
उम्मीद
एक मंज़र
हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें
गिरेबाँ का फ़ासला
तल्ख़-ओ-तुर्श
जूही का पौदा
जितने वहशी हैं चले जाते हैं सहरा की तरफ़
रास्ते अपनी नज़र बदला किए
चोर
एक नज़्म सुब्ह के इंतिज़ार में