हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें
हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं
Anwar Masood
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Javed Akhtar
Gulzar
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1230) Peoples Rate This
एक मंज़र
दर्द तन्हाई का
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
उम्मीद
ख़्वाब
हम क्या जानें क़िस्सा क्या है हम ठहरे दीवाने लोग
जितने वहशी हैं चले जाते हैं सहरा की तरफ़
जिन से हम छूट गए अब वो जहाँ कैसे हैं
गिरेबाँ का फ़ासला
रास्ते अपनी नज़र बदला किए
दिल की खेती सूख रही है कैसी ये बरसात हुई