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सब के लिए सवाल ये कब है कि क्या न हो - रईस रामपुरी कविता - Darsaal

सब के लिए सवाल ये कब है कि क्या न हो

सब के लिए सवाल ये कब है कि क्या न हो

उन को तो मुझ से ज़िद है कि मेरा कहा न हो

उन को मिरा वो बज़्म में छुप-छुप के देखना

और ये भी देखना कि कोई देखता न हो

हर इक से पूछता भी हूँ उन का पता मगर

दिल ये भी चाहता है किसी को पता न हो

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In Hindi By Famous Poet Raees Rampuri. is written by Raees Rampuri. Complete Poem in Hindi by Raees Rampuri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.