राज़ इलाहाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का राज़ इलाहाबादी
नाम | राज़ इलाहाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Raaz Allahabadi |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1996 |
जन्म स्थान | Allahabad |
ये मेरी तमन्ना है प्यासों के मैं काम आऊँ
उम्र जूँ जूँ बढ़ती है दिल जवान होता है
अश्क-ए-ग़म ले के आख़िर किधर जाएँ हम आँसुओं की यहाँ कोई क़ीमत नहीं
आशियाँ जल गया गुल्सिताँ लुट गया हम क़फ़स से निकल कर किधर जाएँगे
यही वफ़ा का सिला है तो कोई बात नहीं
शब-ख़ून का ख़तरा है अभी जागते रहना
राज़ ये सब को बताने की ज़रूरत क्या है
लज़्ज़त-ए-ग़म बढ़ा दीजिए
हुजूम-ए-गर्दिश-ए-दौराँ है क्या ग़ज़ल कहिए
आशियाँ जल गया, गुल्सिताँ लुट गया, हम क़फ़स से निकल कर किधर जाएँगे