हमारा सजन ख़ुश-नज़र बाज़ है
हमारा सजन ख़ुश-नज़र बाज़ है
तो उस दिल में सब इश्क़ का राज़ है
गले हाथ दे खेले नारियाँ सूँ खेल
जिसूँ खेले पीव ऊ सर-अफ़राज़ है
अधर रंग भरे सुहते मानिक नमन
कि याक़ूत रंग उन थे वरसाज़ है
सक्याँ साईं छंद सूँ पँवाए अपस
तुमन हुस्न के तीं सो ऊ नाज़ है
सँवारे हैं मज्लिस पिया रूप सूँ
मदन मुतरिब उस में ख़ुश-आवाज़ है
सँवाँरया है मन-मोहनियाँ अपने तीं
पिया कूँ ऐनू सूँ तुरुक ताज़ है
नबी सदक़े 'क़ुतबा' पे आनंद-दार
अली की मया थे सदा बाज़ है
(605) Peoples Rate This