क़ुली क़ुतुब शाह कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का क़ुली क़ुतुब शाह
नाम | क़ुली क़ुतुब शाह |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Quli Qutub Shah |
जन्म की तारीख | 1580 |
मौत की तिथि | 1611 |
जन्म स्थान | Golkonda |
'क़ुतुब' शह न दे मुज दिवाने को पंद
पिया की याद सूँ पीता हूँ मैं मय
पिया बाज प्याला पिया जाए ना
नबी सदक़े कुतुब शह दिल में कीता
मोहब्बत की सुल्तानी है सब जगत में
मैं न जानूँ काबा-ओ-बुत-ख़ाना-ओ-मय-ख़ाना कूँ
करें ताक़त गँवा कर आबिदाँ मय-ख़ाना कूँ सज्दा
तुमन रौशनी बिन हमन रौशनी नाह
तिरे क़द थे सर्व ताज़ा है जम
तिरे दरसन की मैं हूँ साईं माती
सकी तुज ज़ुल्फ़ है जीवाँ के आख़िज़
सकी मुख सफ़्हे पर तेरे लिख्या राक़िम मलक मिसरा
सकी आज प्याला अनंद का पिला मुंज
सब इख़्तियार मेरा तुज हात है प्यारा
प्यारी सुहाती है अभरन सूँ भारी
प्यारी प्यारी सूँ प्यार किए
प्यारी के नैनाँ हैं जैसे कटारे
पिया तुज इश्क़ कूँ देती हूँ सुद-बुद हौर जियो दिल में
पिया के नयन में बहुत छंद है
पिया का इशक है मिरा यार-ए-जानी
पिया बाज प्याला पिया जाए ना
नज़र तज पे है क्या तमाशा का हाजत
मदन मस्त बदल मस्त कजन मस्त परी मस्त
ख़बर लियाया है हुदहुद मेरे तईं उस यार-ए-जानी का
कल मुंज वज़ीर दिल थे क़ासिद बशारत आया
हमारा सजन ख़ुश-नज़र बाज़ है
अज़ल थे है मुजे ख़ूबाँ सूँ इख़्लास