Qita Poetry (page 32)
अता हुई है मिरे दिल की सल्तनत तुझ को
अली सरदार जाफ़री
अश्क आँखों में अब हैं आए से
हबीब जालिब
असास
सय्यद ज़मीर जाफ़री
अरब के सोज़ में साज़-ए-अजम है
अल्लामा इक़बाल
अपनी फ़ितरत पे नाज़ है मुझ को
महेश चंद्र नक़्श
अपनी आवाज़ की लर्ज़िश पे तो क़ाबू पा लो
अहमद नदीम क़ासमी
अपनी आवारा-मिज़ाजी को नया नाम न दो
अंजुम रहबर
अपने उड़ते हुए आँचल को न रह रह के सँभाल
अली सरदार जाफ़री
अपने माथे पर सजाए हुए संदल का तिलक
प्रेम वारबर्टनी
अपने इनआम-ए-हुस्न के बदले
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अपने आ'साब के मारे हुए बेचारे अदीब
अली सरदार जाफ़री
अपने आईना-ए-तमन्ना में
जाँ निसार अख़्तर
अनोखे कारनामे
पॉपुलर मेरठी
अंजाम-ए-विसाल
शौकत परदेसी
अंगड़ाई ये किस ने ली अदा से
जाँ निसार अख़्तर
अल्लामा
खालिद इरफ़ान
अल्लाह-तौबा
खालिद इरफ़ान
अल्लाह अल्लाह ये लर्ज़िश-ए-मिज़्गाँ
मुस्तफ़ा ज़ैदी
अक्सर इस तरह आस का दामन
वसीम बरेलवी
अजनबियों के शहर में गुम हूँ मगर मैं कौन हूँ
हफ़ीज़ जालंधरी
अजनबी बन के हँसा करती है
गणेश बिहारी तर्ज़
अजब नहीं कि ख़ुदा तक तिरी रसाई हो
अल्लामा इक़बाल
ऐसे कंकर फेंकता हूँ मैं
ज़ीशान हैदर
ऐसा कहाँ कि शहर के मंज़र बदल गए
हबीब हाश्मी
ऐ सितारों के चाहने वालो
साग़र सिद्दीक़ी
ऐ शैख़ कंघा करना नहीं ज़ेब देता यूँ
आसिम पीरज़ादा
ऐ मिरा जाम तोड़ने वाले
अब्दुल हमीद अदम
ऐ कि तख़्लीक़-ए-बहर-ओ-बर के ख़ुदा
साग़र सिद्दीक़ी
ऐ ख़ुदा एक बार मिल मुझ से
आबिद मलिक
ऐ ख़राबात के ख़ुदावंदो
अब्दुल हमीद अदम