Qita Poetry (page 29)
दीदा-ए-दिल को यूँ नज़र आया
प्रेम वारबर्टनी
ढलती है मौज मय की तरह रात इन दिनों
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
देखो तो तीरा-ओ-तारीक फ़ज़ा का आलम
अली सरदार जाफ़री
देख मुझे तबीब आज पूछा जो हालत-ए-मिज़ाज
ख़्वाजा मीर 'दर्द'
देख के बोला हाथ मुनज्जम
साग़र ख़य्यामी
देहली का इक रईस ब-हंगाम-ए-जाँ-कनी
एहसान दानिश
दयार-ए-इश्क़ में महरूमियों के हैं चर्चे
अफ़ज़ल इलाहाबादी
दावर-ए-हश्र मुझे तेरी क़सम
अहमद नदीम क़ासमी
दास्तान-ए-इश्क़ मैं ने जब कही ससुराल में
आसिम पीरज़ादा
दश्त में तपते ग़ुबारों से तयम्मुम कर के
अफ़ज़ल इलाहाबादी
डस गई तेरी काएनात मुझे
नरेश कुमार शाद
दारोग़-गोई
खालिद इरफ़ान
दर्द ओ दरमाँ
अनवर मसूद
दर्द का जाम ले के जीते हैं
कश्मीरी लाल ज़ाकिर
दर-ब-दर सर झुकाए फिरता है
वसीम बरेलवी
दर-ब-दर भटका करेंगे रास्ता ढूँडेंगे लोग
अफ़ज़ल इलाहाबादी
दम-ए-आरिफ़ नसीम-ए-सुब्ह-दम है
अल्लामा इक़बाल
दाख़िल-ए-दफ़्तर
अनवर मसूद
दफ़्न हैं साग़रों में हंगामे
अब्दुल हमीद अदम
दफ़अतन 'अनवर' ख़याल आया है आज उस मुर्ग़ का
अनवर मसूद
क्रिकेटर से मुकालिमा
सरफ़राज़ शाहिद
चुपके चुपके जहाँ बसा लेता
साबिर दत्त
चूम कर उस बुत की पेशानी को पछताना पड़ा
एहसान दानिश
चोट खा कर भी मुस्कुराता हूँ
नरेश कुमार शाद
छुप के आएगा कोई हुस्न-ए-तख़य्युल की तरह
साग़र सिद्दीक़ी
छलकी साग़र में मय-ए-नाब गवारा बन कर
अली सरदार जाफ़री
चेहरा-ए-आफ़ाक़ को देती है नूर
महेश चंद्र नक़्श
चैट-रूम
खालिद इरफ़ान
चैट
खालिद इरफ़ान
चश्म-ए-बीना में सितारों की हक़ीक़त क्या है
अली सरदार जाफ़री