Ghazals of Qazi Mahmud Behri
नाम | क़ाज़ी महमूद बेहरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Qazi Mahmud Behri |
यार अब है सो कुछ अजब है रे
जूँ चमन के देख बुलबुल ख़ुश हुआ
जाऊँ मैं उस निगार पर क़ुर्बान
दिलबराँ का अपस कूँ दास न कर
ऐ सखीयन मैं ने देख्या संग कर के यार का
नाम | क़ाज़ी महमूद बेहरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Qazi Mahmud Behri |
यार अब है सो कुछ अजब है रे
जूँ चमन के देख बुलबुल ख़ुश हुआ
जाऊँ मैं उस निगार पर क़ुर्बान
दिलबराँ का अपस कूँ दास न कर
ऐ सखीयन मैं ने देख्या संग कर के यार का