क़ाज़ी हसन रज़ा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का क़ाज़ी हसन रज़ा
नाम | क़ाज़ी हसन रज़ा |
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अंग्रेज़ी नाम | Qazi Hasan Raza |
वो बंद मुट्ठियों को मिरी खोलने न दे
शिकारी ने रक्खा ठिकाना बुलंद
नफ़रत के साथ प्यार की मीठी तरंग है
मुनासिब नहीं आसरा माँगना
झूट की मिक़दार कम है और सच्चाई बहुत