Ghazals of Qayyum Tahir
नाम | क़य्यूम ताहिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Qayyum Tahir |
जन्म की तारीख | 1952 |
वहाँ साहिलों पे बशारतों का चराग़ भी है जला हुआ
ख़्वाब ऐसे कि गई रात डराने लग जाएँ
इश्क़ और इश्क़ के आदाब का क्या करना है
हवा में नौहे घुले दुर्द मिशअलों में रहा
हर एक रंग हर इक ख़्वाब के हिसार में तू
ग़म-क़िर्तास पे अपने कर्ब की बातें लिखते रहना
एक नश्तर सा रग-ए-जाँ में उतरने देना
इक हरा जज़ीरा भी पानियों से आगे है
दिखाए गर्द के ख़ेमे प घर नहीं लिक्खा
बस एक हिज्र के मौसम का रंग गहरा था
आवाज़ों की धुँद से डरता रहता हूँ