क्या कोई दे सके पता मेरा
भेद मुझ पर भी कब खुला मेरा
आँख की लौ में है ज़मीर की लौ
मुझ में ज़िंदा है रहनुमा मेरा
ख़ाक हो कर रविश रविश लिक्खूँ
जाने किस सम्त हो ख़ुदा मेरा
गा रहा हूँ मैं वक़्त की लय पर
लम्हा लम्हा है आश्ना मेरा
रेज़ा रेज़ा हुए हैं ख़्वाब मिरे
फिर भी क़ाएम है हौसला मेरा