Coupletss of Qayem Chandpuri (page 2)
नाम | क़ाएम चाँदपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Qayem Chandpuri |
जन्म की तारीख | 1725 |
मौत की तिथि | 1794 |
जन्म स्थान | Chandpur |
परवाने की शब की शाम हूँ मैं
पहले ही गधा मिले जहाँ शैख़
पहले ही अपनी कौन थी वाँ क़द्र-ओ-मंज़िलत
नज़र में काबा क्या ठहरे कि याँ दैर
न जाने कौन सी साअत चमन से बिछड़े थे
मुझ बे-गुनह के क़त्ल का आहंग कब तलक
मिरी नज़र में है 'क़ाएम' ये काएनात तमाम
मस्जिद से गर तू शैख़ निकाला हमें तो क्या
मअनी न आएँ दर्क में ग़ैर-अज़-वजूद-ए-लफ़्ज़
मैं किन आँखों से ये देखूँ कि साया साथ हो तेरे
मैं कहा अहद क्या किया था रात
मैं हूँ कि मेरे दुख पे कोई चश्म-ए-तर न हो
मैं दिवाना हूँ सदा का मुझे मत क़ैद करो
मय पी जो चाहे आतिश-ए-दोज़ख़ से तू नजात
मय की तौबा को तो मुद्दत हुई 'क़ाएम' लेकिन
लगाई आग पानी में ये किस के अक्स ने प्यारे
कूचा तिरा नशे की ये शिद्दत जहाँ से लाग
कोई दिन आगे भी ज़ाहिद अजब ज़माना था
किस बात पर तिरी मैं करूँ ए'तिबार हाए
की वफ़ा किस से भला फ़ाहिशा-ए-दुनिया ने
ख़स नमत साथ मौज के लग ले
कर न जुरअत तू ऐ तबीब कि ये
कहता है आइना कि है तुझ सा ही एक और
कब मैं कहता हूँ कि तेरा मैं गुनहगार न था
जूँ शीशा भरा हूँ मय से लेकिन
जिस मुसल्ले पे छिड़किए न शराब
जिस चश्म को वो मेरा ख़ुश-चश्म नज़र आया
ईराद कर न पढ़ के मिरा ख़त कि ये तमाम
इलाही वाक़ई इतना ही बद है फ़िस्क़-ओ-फ़ुजूर
हम दिवानों को बस है पोशिश से