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कोई देता है किसी को भी तो क्या देता है - क़ौस सिद्दीक़ी कविता - Darsaal

कोई देता है किसी को भी तो क्या देता है

कोई देता है किसी को भी तो क्या देता है

दस्त-ए-एहसान को मीज़ान पे ला देता है

कोई तो संग-ए-लब-ए-राह सा मूनिस ठहरे

राह का मोड़ जो चुपके से बता देता है

शहर-ए-गुम-गश्ता का वो कतबा जो है गर्द-आलूद

हर मुसाफ़िर उसे जीने की दुआ देता है

ये मिरा अहद है तावील-ए-सुकूनत दे कर

घर के दरवाज़े को दीवार बना देता है

'क़ौस' बे-सूद नहीं जाता है पानी का लहू

ये टपकता है तो रंगीन फ़ज़ा देता है

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In Hindi By Famous Poet Qaus Siddiqui. is written by Qaus Siddiqui. Complete Poem in Hindi by Qaus Siddiqui. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.