Coupletss of Qateel Shifai (page 2)
नाम | क़तील शिफ़ाई |
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अंग्रेज़ी नाम | Qateel Shifai |
जन्म की तारीख | 1919 |
मौत की तिथि | 2001 |
न छाँव करने को है वो आँचल न चैन लेने को हैं वो बाँहें
मुझ से तू पूछने आया है वफ़ा के मअ'नी
मुफ़्लिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत
मेरे ब'अद वफ़ा का धोका और किसी से मत करना
माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है
मैं जब 'क़तील' अपना सब कुछ लुटा चुका हूँ
मैं घर से तेरी तमन्ना पहन के जब निकलूँ
मैं अपने दिल से निकालूँ ख़याल किस किस का
ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मिरे रक़ीब
क्यूँ शरीक-ए-ग़म बनाते हो किसी को ऐ 'क़तील'
क्या मस्लहत-शनास था वो आदमी 'क़तील'
क्या जाने किस अदा से लिया तू ने मेरा नाम
कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें
किस तरह अपनी मोहब्बत की मैं तकमील करूँ
जो भी आता है बताता है नया कोई इलाज
जीत ले जाए कोई मुझ को नसीबों वाला
जिस बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
हुस्न को चाँद जवानी को कँवल कहते हैं
हम उसे याद बहुत आएँगे
हम को आपस में मोहब्बत नहीं करने देते
हौसला किस में है यूसुफ़ की ख़रीदारी का
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँ
गुनगुनाती हुई आती हैं फ़लक से बूँदें
गिरते हैं समुंदर में बड़े शौक़ से दरिया
गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं
दुश्मनी मुझ से किए जा मगर अपना बन कर
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं