क़मर मुरादाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का क़मर मुरादाबादी
नाम | क़मर मुरादाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Qamar Moradabadi |
जन्म की तारीख | 1910 |
मौत की तिथि | 1987 |
यूँ न मिलने के सौ बहाने हैं
क़दम उठे भी नहीं बज़्म-ए-नाज़ की जानिब
मुद्दतों बाद जो इस राह से गुज़रा हूँ 'क़मर'
मंज़िलों के निशाँ नहीं मिलते
लज़्ज़त-ए-दर्द-ए-जिगर याद आई
किसी की राह में काँटे किसी की राह में फूल
जिस क़दर जज़्ब-ए-मोहब्बत का असर होता गया
हर्फ़ आने न दिया इश्क़ की ख़ुद्दारी पर
ग़म की तौहीन न कर ग़म की शिकायत कर के
दैर ओ काबा से जो हो कर गुज़रे
अब मैं समझा तिरे रुख़्सार पे तिल का मतलब
तुम उसी को वज्ह-ए-तरब कहो हम उसी को बाइ'स-ए-ग़म कहें
साक़िया तंज़ न कर चश्म-ए-करम रहने दे
नज़र है जल्वा-ए-जानाँ है देखिए क्या हो
मोहब्बत का जहाँ है और मैं हूँ
मेरी राहों में कई मरहले दुश्वार आए
मंज़िलों के निशाँ नहीं मिलते
लज़्ज़त-ए-दर्द-ए-जिगर याद आई
बे-नक़ाब उन की जफ़ाओं को किया है मैं ने